कर लो लाख इनकार मगर,
रंग लायेगी हमारी आशिकी भी एक दिन ।
हर गली में हमारे चरचे होंगे,
पतझड में भी बहार आयेगी एक दिन ॥
रंग लायेगी हमारी आशिकी भी एक दिन ।
हर गली में हमारे चरचे होंगे,
पतझड में भी बहार आयेगी एक दिन ॥
ये बेजान चीजें, ये उनकी नुमाइश, ये गुन्चे, ये कलियां, ये तारे, हटा दो ।
जहां से गुज़रना है, उस अजनबी को,वहां मेरे दिल की धडकन बिछा दो ॥