शुक्रवार, 26 नवंबर 2010
तेरी याद
रात की काली चादर बिछती है ।
फ़िज़ाओं में चांदनी बिखरती है,
रश्मि तेरी याद आती है ॥
आंखें नींद से बोझिल होती हैं,
रात गहराती चली जाती है ।
दिल मे फ़िर कसक उठती है,
रश्मि तेरी याद आती है ॥
शनिवार, 23 अक्टूबर 2010
सोमवार, 18 अक्टूबर 2010
तिरछी नज़र
तेरी तिरछी नज़र का तीर ,ये क्या कर गया ।
पत्थर समझते थे,पिघला के मोम कर गया ॥
बुधवार, 13 अक्टूबर 2010
असर
बहुत खूब है ऐ इश्क तेरी फ़ितरत, हम मर रहे हैं और उनको खबर भी नही ।
मुडकर ना देखा उन्होने आज तलक, हमारी आहों में इतना असर भी नही ॥
रविवार, 10 अक्टूबर 2010
गम
गम तेरा ले लेंगे हम, खुशियां अपनी तुझको दे जायेंगे ।
खून के घूंट पी लेंगे हम,दुनिया अपनी तुझको दे जायेंगे ।।
गुरुवार, 30 सितंबर 2010
मुस्कुराह्ट
मैने रोकना तो चाहा था,अपने इस दिल को लाख मगर ।
ये मुमकिन न था, कि तेरी मुस्कुराहट हो जाये बेअसर ॥
शनिवार, 25 सितंबर 2010
तुम
तुमसे हो गई है मोहब्बत ये बात कैसे छुपायेंगे ।
जुबां को रोक लेंगे, फ़िजाओं को कैसे रोक पायेंगे ॥
सोमवार, 20 सितंबर 2010
गमों का प्याला
यूं तो रोने की आदत नहीं हमको, पर ये आंसू ना जाने क्यूं छलक आये ।
दिल का प्याला गमों से भर गया शायद, और ये आन्खों से ढलक आये ॥
बुधवार, 15 सितंबर 2010
शुक्रवार, 10 सितंबर 2010
तुम्हारी सूरत
तुम्हारी सूरत दिल-ओ-दिमाग पर युं छा गयी है ,
जैसे दिल के आसमां पे इश्क की बद्ली आ गयी है ।
रविवार, 5 सितंबर 2010
वक्त की दीवार
इंसा पे यकीन हो ,और दिल मे प्यार हो तो जीने को और क्या चाहिये ॥
शुक्रवार, 27 अगस्त 2010
इन्कार
रंग लायेगी हमारी आशिकी भी एक दिन ।
हर गली में हमारे चरचे होंगे,
पतझड में भी बहार आयेगी एक दिन ॥
बुधवार, 25 अगस्त 2010
अजनबी
ये बेजान चीजें, ये उनकी नुमाइश, ये गुन्चे, ये कलियां, ये तारे, हटा दो ।
जहां से गुज़रना है, उस अजनबी को,वहां मेरे दिल की धडकन बिछा दो ॥
शुक्रवार, 20 अगस्त 2010
सोमवार, 16 अगस्त 2010
रविवार, 15 अगस्त 2010
गुरुवार, 12 अगस्त 2010
ठूंठ
ठूंठ था मैं, मोहब्बत करना सिखा दिया तूने ।
जानवर था, इन्सान बना दिया तूने ॥
मस्ती में, बेफ़िक्री, मे जिया करता था ।
प्यार में पागल बना दिया तूने ॥
सोमवार, 9 अगस्त 2010
गुरुवार, 5 अगस्त 2010
तडप
दिल तडपता है रूह बैचैन होती है,
हर पल कमी तेरी मह्सूस होती है ।
दीदार की तमन्ना मे जिये जा रहा हूं,
तेरी बेदर्दी की कसक होती है ॥
मंगलवार, 3 अगस्त 2010
दर्द
तूने मुझे दर्द के सिवा कुछ भी नही दिया है ।
मैने तुझे मुस्कुरा के देखा तो तूने मुंह फ़ेर लिया है ॥
सोमवार, 2 अगस्त 2010
मुस्कुराहट
यकीं न आया हमें, लगा कि कोई सपना देखा ॥
शनिवार, 31 जुलाई 2010
अदा
ये कैसी अदा ,ये कैसा सितम, जाने वो क्यूं दिल को तडपाता है ।
महफ़िल मे वो हमसे बात करे, और तन्हाइ मे शरमाता है ॥
गुरुवार, 29 जुलाई 2010
मलाल
जब भी तेरा खयाल आता है,
मेरे खून मे उबाल स आता है ।
तुझे चाहकर भी खमोश हूं मै ,
इस बात पर मलाल आता है ॥
बुधवार, 28 जुलाई 2010
हुस्न
तेरे लाजवाब हुस्न को देखकर मेरा दिल बेगाना हो गया ।
तेरी जुल्फ़ों की वादियों मे फ़िर एक दीवाना खो गया ॥
मंगलवार, 27 जुलाई 2010
सोमवार, 26 जुलाई 2010
जुदाई
तेरी जुदाई बेकरार किये जाती है,
दर्द-ए-दिल को ज़ार ज़ार किये जाती है ।
आ जाती है सामने तस्वीर हर पल तेरी,
आखों में नमी का आगाज़ किये जाती है ॥
रविवार, 25 जुलाई 2010
यादें
यादों में तेरी खोकर, पागल सा हो गया हूं ।
तेरी निगाहों के तीर से, घायल सा हो गया हूं ॥
अब भी वक्त है ज़ालिम,संभाल ले मुझको ।
बजते बजते मै तो , टूटी पायल सा हो गया हूं ॥
शनिवार, 24 जुलाई 2010
शुक्रवार, 23 जुलाई 2010
गुरुवार, 22 जुलाई 2010
बुधवार, 21 जुलाई 2010
मंगलवार, 20 जुलाई 2010
जवानी
दिल कई धडकन जहां बेबाक हुआ करती है,
रंग मे डूबी हुइ हर रात हुआ करती है ।
नींद लगते ही ख्वाब गुलाबी आना,
ये जवानी की शुरुआत हुआ करती है ॥
सोमवार, 19 जुलाई 2010
रातें
किस्मत मे ना थी ये दो रातें,
एक प्यार की एक तन्हाई की ।
एक रात मे जीना आ जाता,
एक रात मे मरना आ जाता ॥
रविवार, 18 जुलाई 2010
शनिवार, 17 जुलाई 2010
शुक्रवार, 16 जुलाई 2010
गुरुवार, 15 जुलाई 2010
प्यार
तुम दिल से पुकारो, तो ये जमीं तुम्हारी ,ये आसमां तुम्हारा हो जायेगा।
गर इन्सान से, मोहब्बत का नाता रखो, तो ये जहां तुम्हारा हो जायेगा ॥
बुधवार, 14 जुलाई 2010
मंगलवार, 13 जुलाई 2010
सोमवार, 12 जुलाई 2010
मोहब्बत
आन्खों की कोर से छ्लकती है मोहब्बत,
तिरछी चितवन से महकती है मोहब्बत।
अब और क्या क्या बयां करें हम भी,
तू सर से पांव तक है मोहब्बत ही मोहब्बत
रविवार, 11 जुलाई 2010
शनिवार, 10 जुलाई 2010
एह्सास-ए-मोहब्बत
ये एह्सास-ए-मोहब्बत है जो तुम न समझ पाओगे ।
यूंकि समझने के लिये प्यार भरा दिल कहां से लाओगे ॥
शुक्रवार, 9 जुलाई 2010
हुस्न
हुस्न बेपर्दा हो रहा है कुछ इस तरह ।
गोया चान्द निकला बादलों से जिस तरह ॥
गुरुवार, 8 जुलाई 2010
बुधवार, 7 जुलाई 2010
मंगलवार, 6 जुलाई 2010
सोमवार, 5 जुलाई 2010
बिज़ली
मस्ती भरी आन्खों से पिलाते चले गये ।
जो सांस आ रही है उसी का पयाम है,
बेताबियों को और बढाते चले गये ॥
रविवार, 4 जुलाई 2010
शनिवार, 3 जुलाई 2010
शुक्रवार, 2 जुलाई 2010
हुस्न और नज़ाकत
खुदा जब हुस्न देता है तो नज़ाकत आ हि जाती है ।
कितना ही सम्भल के चलो कमर बल खा ही जाती है ॥
गुरुवार, 1 जुलाई 2010
बुधवार, 30 जून 2010
तुझ पर
दिल तडपता है , आंसू बहते हैं।
तेरी जुदाई का गम हर पल सह्ते हैं ॥
बेदर्द है तु, जानते हैं हम फ़िर भी ।
इस दुनिया में सिर्फ़ तुमपर ही मरते हैं ॥
मंगलवार, 29 जून 2010
सम्भलते क्यूं हैं ?
लोग हर मोड पे रुक रुक के सम्भलते क्यूं हैं ।
इतना डरते हैं तो घर से निकलते क्यूं हैं ॥
कातिल
कितने कम नसीब हम निकले,
खुशी के कागज मे भी गम निकले ।
इक उम्र तलाशा मुज़रिम को ,
मगर कातिल तो मेरे सनम निकले ॥